अश्लीलता का पर्याय बनती भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री ? | Bhojpuri Gana | Bhojpuri Video?

अश्लीलता का पर्याय बनती भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री ? | Bhojpuri Gana | Bhojpuri Video?

अश्लीलता का पर्याय बन चुकी है भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री ? Bhojpuri Film Industry Moving Towards Vulgarity ?

जब बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से खाए।

आज जो भोजपुरी गाने और फ़िल्में इतनी अश्लील हो गई है इसका पूरा श्रेय आज कल के भोजपुरी गीत-संगीतकारों को जाता है। ऐसे - ऐसे गाने बनाए और गाए जाने लगे हैं इनके द्वारा कि क्या ही बोलें।

अश्लीलता का पर्याय बनती भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री ?
(Picture by David Hofmann unsplash)

भोजपुरी अभिनेता और गायक के साथ पिछले दिनों क्या विवाद हुआ ?

भोजपुरी के एक जाने माने फिल्म अभिनेता एवं गायक हैं। हालिया विवाद इनके ही एक गाने को लेकर हुआ।

हमारे समाज में चाची की बेटी रिश्ते में हमारी बहन होती है, बस यही पर इनसे गलती हो गयी, क्योंकि अब जो गाना इन्होंने गाया उसके बोल थे, "चाची तोहर बाची सपनवा में आती है"। शायद उन्हें लगा हो कि हर बार की तरह इस गाने की अश्लीलता को भी लोग हाथों हाथ ले लेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। हर तरफ़ से विरोध के स्वर निकलने लगे। इसी बीच किसी पंकज सिंह नाम के लड़के ने इनकी बेटी के नाम पर ही गाना निकाल दिया, जो कि बहुत बुरी बात है, किसी को भी किसी के लिए भी कोई भी आपत्तिजनक या अपमानजनक टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।

अब इसी बात पर गुस्सा होकर भोजपुरी गायक के कुछ समर्थकों ने पंकज सिंह को अपने बल का सबूत देते हुए फेसबुक लाइव (Facebook Live) पर पीट दिया। जिस कारण भोजपुरी संगीत श्रोताओं का एक समुह नाराज हो गया है। हर जगह से भोजपुरी भाषा के लिए सेंसर बोर्ड बनाने की मांग की जा रही है जो कि सही भी है ताकि भोजपुरी भाषा का जो सम्मान ऐसे फुहड़ गाने बनाने और गाने वालों की वज़ह से समाप्त होने की कगार पर है वो बच जाए।

आज कल के भोजपुरी गाने सिर्फ के नाम से ही चल रहे हैं। पुरुष तो पुरुष, आजकल की भोजपुरी इंडस्ट्री में महिलाएं भी ऐसे अश्लील गाने गाने से कोई परहेज नहीं रखतीं, ऐसे बहुत से फूहड़ गाने हैं जो गायिकाओं ने भी निभाए हैं।

भोजपुरी लोकगीत और साहित्य को न भूलें !

आज कल भोजपुरी गाने सुनने वाले भिखारी ठाकुर, महेंद्र मिश्र और शारदा सिन्हा के गानों का केवल सम्मान करते हैं लेकिन उनके गाने को  बजा के नाच नहीं सकते हैं, मजा नहीं ले सकते हैं। ऐसी बात नहीं है कि इन गानों पर हम मजा नहीं ले सकते, मजा ले सकते हैं लेकिन हम लेना नहीं चाहते। क्यों ? क्योंकि हमें लगता है कि अगर हम भिखारी ठाकुर के  या महेंद्र मिश्रा या शारदा सिन्हा के गाने बजा देंगे तो हम पुराने जमाने के कहलाएंगे। हमें तो बस पवन सिंह के ही गाने पर ही कमर हिलानी है।

(भिखारी ठाकुर जी)

आज अगर हम अपनी माता या बहन के साथ कहीं बाहर जाएं और रास्ते में कहीं "बहिंया में कस के सैंया, मार ल खचा खच या तोहर लहंगा उठा देय रिमोट से" गाना बजता हुआ पाएं तो हम शर्म से पानी पानी हो जाते हैं लेकिन फिर अकेले में या दोस्तों के साथ पार्टी करने के लिए हमें ऐसे ही फूहड़ गाने चाहिए।

जब तक हम इस दोगलेपन से बाहर नहीं निकलेंगे तब तक भोजपुरी गानों में अश्लीलता की समस्या बनी रहेगी। इस समस्या से बाहर तब निकला जा सकता है जब हम भिखारी ठाकुर वह शारदा सिन्हा और ऐसे ही अन्य कलाकारों द्वारा गाए - बनाए नाटक गीत इत्यादि को देखें और सुनें, उसके मर्म को समझे, भोजपुरी साहित्य को समझे उसमें कितना गीत है, संगीत है, क्या भाव है यह हमें समझना होगा। अब लोकगीत से लोक निकल गया केवल गीत ही रह गया है और वह भी बेढंगा सा और एकदम फुहड़। 

आज तो हाल यह है कि अगर गलती से भी कहीं कोई भोजपुरी गाना हमारे फोन पर बज गया तो हम शर्म से पानी पानी हो जाते हैं और तो और आज हम खुद को भोजपुरी भाषा से जोड़ना तक नहीं चाहते हैं, क्यों ? भोजपुरी भाषा के गानों का स्तर इतना खराब हो गया है कि भोजपुरी गाना अश्लीलता का दूसरा प्रतीक बन गया है इसलिए अब हम भोजपुरी जैसी पवित्र भाषा को अपने आपसे जोड़ना पसंद नहीं करते। 

आज आप यूट्यूब पर ही देखें जो गाना जितना ज्यादा अश्लील होगा उसके उतने ही ज़्यादा लाइक्स होंगे। कुछ बहुत ही ज़्यादा अश्लील गानों पर तो लाइक्स की संख्या करोड़ों में है।

हाल ही में मैंने देखा की यूट्यूब पर कोई गोरखपुर की औरत भौजी के नाम से एक यूट्यूब चैनल चलाती है। देखने में वह विवाहित लगती है मगर वह भौजी माथे पर सिंदूर और मंगलसूत्र पहने हुए भी एक से एक फ़ूहड़ गाने गाते हुए नजर आती है। और इतना ही नहीं ऐसे अश्लील गानों को अपने श्रोताओं को डेडिकेट भी करती हैं। भोजपुरी बोलने वाली भौजी आपनी बातों से सी ग्रेड फिल्मों को भी पीछे छोड़ रही है। उनका यूट्यूब चैनल और कमेंट सेक्शन अश्लीलता की दुकान जैसे नजर आते हैं।

आप यूट्यूब पर हर सप्ताह "लहंगा में आइल बा बाढ़" जैसे एक से एक बढ़कर नए अश्लील भोजपुरी गाने आसानी से ढूंढ सकते हैं। 

जब तक आप ऐसे अश्लील गाने सुनना बंद नहीं करेंगे तब तक आजकल के ये तथाकथित कलाकार ऐसे अश्लील और फूहड़ गाने बनाना बंद नहीं करेंगे।

हमें समझना होगा कि भोजपुरी में आल्हा है, सोहर है, विवाह गीत है, मुंडन गीत है, होली गीत है, रक्षाबंधन गीत है, छठ गीत है, फगुआ है, क्या नहीं है ?

(शारदा सिन्हा जी)

जिन लोगों को लगता है कि भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री केवल अश्लीलता से भरी हुई है उन्हें हम बताना चाहेंगे कि भोजपुरी का साहित्य बहुत ही सुन्दर और सुदृढ़ रहा है जिसे हमने, और खासकर बिहार के खुद के लोगों ने भुला दिया है।


इस लेख का मकसद किसी पर भी कोई निजी टिप्पणी करना नहीं है और न ही किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना। यदि किसी को भी इस लेख से बुरा लगता है उसके लिए उसकी खुद की सोच जिम्मेदार है। हम तो इस लेख में लिए गए नाम के लोगों से आग्रह करते हैं कि वे सभी लोग भोजपुरी भाषा को डुबोने और उचित सम्मान दिलाने, दोनों में ही सक्षम हैं इसलिए कृपया अच्छे और अश्लीलता रहित गाने और फिल्में बनाए ताकि उत्तर प्रदेश तथा बिहार के लोगों को भी अपनी भाषा और फिल्म इंडस्ट्री पर गर्व हो सके। उम्मीद है कि आप सभी इस लेख को अन्यथा ना लेकर भोजपुरी भाषा के विकास और उसे उचित सम्मान दिलाने की दिशा में सकारात्मक कार्य करेंगे।






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