गायक जसपाल सिंह - परिचय | (Singer) Jaspal Singh - Short Biography
जसपाल सिंह जी का शुरूआती जीवन
जसपाल सिंह जी का जन्म 1950 अमृतसर में हुआ था।
जसपाल जी बचपन से ही गायकी में रुचि रखते थे। जसपाल सिंह जी पर मोहम्मद रफी साहब के गानों का काफी गहरा असर हुआ। वे स्कूल और कॉलेज में होने वाले प्रोग्राम में रफी साहब के ही गाने गाया करते थेा। अपने जीवन की किशोरावस्था तक पहुंचते-पहुंचते इन्होंने पक्का मन बना लिया कि वे फिल्मों में पार्श्वगायक ही बनेंगे।
जसपाल सिंह जी का फैमिली बैकग्राउंड काफी अच्छा था। इनके पिता जी चाहते थे कि जसपाल भी अपने बड़े भाई की तरह वकील बने लेकिन उनका मन तो गायकी में ही लगा हुआ था और वे मुंबई जाने के सपने देख रहे थेे। 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद जसपाल सिंह मुंबई पहुंच गए। उनकी बड़ी बहन वहीं रहा करती थी।
गायक जसपाल सिंह जी का मुंबई फिल्म जगत में संघर्ष
इनकी बहन के कहने पर जसपाल सिंह के बहनोई जसवीर सिंह खुराना ने संगीतकार उषा खन्ना जी से जसपाल की पहचान करवाई। उषा खन्ना जी जसपाल सिंह की आवाज से काफी प्रभावित हुई और उन्होंने जसपाल को सन 1968 में आई फिल्म बंदिश में गाने का मौका दिलाया।
जसपाल सिंह जी का यह गाना कुछ ख़ास नहीं चला और जसपाल सिंह को वापस अमृतसर जाना पड़ा। लेकिन इनका मन अभी भी मायानगरी मुंबई में ही अटका हुआ था, इसी बीच उषा खन्ना ने इन्हें दोबारा गाने का मौका दिया फिल्म अनजान है कोई में। यह गाना इन्होने महेंद्र कपूर जी के साथ गया। गाने के बोल थे - "बेटा खेल मत मटका"
यह थोड़ा बहुत चला लेकिन जसपाल सिंह जी के संघर्ष
का दौर अभी गुज़रा नहीं था। उन्हें कुछ दिनों बाद उनके पिता जी की चिट्ठी मिली जिसमें उनके पिता जी ने जसपाल सिंह जी को वापस अमृतसर आने को कहा था।
जसपाल सिंह अमृतसर वापस तो आ गये लेकिन उनका मुंबई आना - जाना बंद नहीं हुआ था। आखिरकार उनके पिता जी ने कह ही दिया कि "जा बेटा ! तू गायक ही बन जा"।
गायक जसपाल सिंह जी की रविंद्र जैन जी से मुलाकात
इसी दौरान मुंबई में एक दिन इनकी मुलाकत हुई रविंद्र जैन जी से। रविंद्र जैन जी ने इन्हें गाना गाने का मौका दिया फिल्म गीत गाता चल में।
जसपाल सिंह के इस फिल्म गीत गाता चल में गाये हुए सभी गाने सुपर - डुपर हिट हुए। इस फिल्म के माध्यम से जसपाल सिंह की आवाज भारत भर के घर घर में गूंजी।
इसके बाद तो जसपाल सिंह जी ने अँखियों के झरोखों से, श्याम तेरे कितने नाम, सावन को आने दो जैसी फिल्मों में एक से बढ़ कर एक हिट गानों की झड़ी लगा दी। इन्होंने अपनी आवाज सबसे ज्यादा जिस अभिनेता के लिए दी थी वह थे अभिनेता सचिन।
जसपाल सिंह की गायकी के सफर ने रफ्तार पकड़ी तो कई खूबसूरत गाने उनके हमसफर बनते चले गए। जसपाल सिंह की आवाज सचिन से मेल खाती थी और शायद इसीलिए अभिनेता सचिन के लिए लगभग सभी गाने जसपाल सिंह जी से ही गवाए गए।
फिल्म नदिया के पार में उनके द्वारा गाए हुए सभी गीत सुपर - डुपर हिट साबित हुए। मगर शायद जसपाल सिंह को यह अहसास ही नहीं हुआ उन पर केवल सचिन के लिए ही बेहतरीन गीत गाने वाले का ठप्पा लग चुका है, दूसरे अभिनेताओं के लिए गीत गाने के प्रस्ताव उनके पास बहुत काम आते थे। तब तक किशोर कुमार के बेटे अमित, मुकेश के बेटे नील नितिन मुकेश के साथ-साथ एसपी बालासुब्रमण्यम, यशुदास जैसे दिग्गज गायक भी फिल्म इंडस्ट्री में आ गए थे। जसपाल सिंह जी का फिल्म में कोई गॉडफादर भी नहीं था।
एक से बढ़ कर एक हिट - सुपरहिट गीत देने वाले जसपाल सिंह के साथ किस्मत ने भी खासा मजाक किया।
नदिया के पार की ज़बरदस्त सफलता के बाद होना तो यह चाहिए था कि जसपाल सिंह के पास गीत गाने के प्रस्तावों की कोई कमी नहीं रहनी चाहिए थी मगर इसके बाद जिन फिल्मों में इन्हें गाने का मौका मिला उनमें से ज्यादातर रिलीज़ ही नहीं हुई। इसके अलावा जसपाल सिंह को किसी बड़े बैनर तले गाने का प्रस्ताव नहीं आया। सबसे ज्यादा मौका जसपाल सिंह जी को राजश्री प्रोडक्शंस के बैनर के तले मिला।
80 के दशक में फिल्मी संगीत में सुरीले गीतों के पतन का दौर शुरू हुआ। ऐसे में जसपाल सिंह जैसे सुरीले गायक के लिए थोड़ी मुश्किलें पैदा हो गयी।
शायद ही कोई सोच सकता हो कि इतनी शानदार आवाज के मालिक धीरे धीरे फिल्म इंडस्ट्री से दूर हो जायेंगे। मगर फिर भी जसपाल सिंह को किसी से कोई शिकवा नहीं है।
चाहे कोई कुछ भी कहे लेकिन जैसा की हम सब जानते हैं की क्वालिटी हमेशा क्वांटिटी पर भारी पड़ती है ठीक उसी तरह से बेशक जसपाल सिंह जी ने बाकी कलाकारों के मुकाबले काम गाने गाये हैं लेकिन उनके गाये गाने आज भी उतने ही कर्णप्रिय हैं जितने आज से चालीस पचास साल पहले थे। हमें पूरा विश्वास है की आगे आने वाले समय में भी आप और हम जसपाल सिंह जी के गानों को सदा ही सुनते रहेंगे।
His songs "Jogi Ji Dheere Dheere", "Kaun Disa Mein Leke Chala Re Batuhiya", Sawan Ko Aane Do" are my favorite songs. These are not only songs for me rather than these are emotions, glad, feelings for me. I was listening "Jogi Ji Dheere Dheere" on 18th March on Holi festival, I can't tell what i was feeling to listen this song. It comes me to my childhood memories, my village. That was a golden era.
ReplyDeleteThanks a lot for your comment ! These songs are really close to our hearts and only a person with good sense of music can feel the beauty of these. His songs are truly gems !
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